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फॉलोअप: नोएडा की इंस्पेक्टर सीता सिंह के पति पर पुलिस का शिकंजा
बचाव की तैयारी से पुख्ता हुआ शक, संदिग्धों की यूपी में तलाश
उज्जैन। ग्रेटर नोएडा की इंस्पेक्टर व उसकी बहन पर हुए जानलेवा हमले के केस में पुलिस खुलासे के करीब पहुंच गई है। हालांकि अब तक कोई गिरफ्त में नहीं आया लेकिन टीआई के पति द्वारा मात्र नोटिस देने पर बचाव के लिए वकील करने व मोबाइल में यूपी के संदिग्धों की कॉल डिटेल मिलने से वो पूरी तरह संदेह के घेरे में आ गया है।
इंस्पेक्टर सीतासिंह व उसकी बहन नीतासिंह पर हमले के बाद से ही सीता का पति अनुज सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) एएसआई पर पुलिस को घटना में भूमिका होने का शक है। इसकी वजह अनुज की आर्थिक जरूरत व परिस्थिति है।
प्राथमिक रूप से मिली जानकारी व जांच के बाद अनुज व उसके पिता अमेठी डीआरपी लाइन में पदस्थ हेड कांस्टेबल यादव करण सिंह को नोटिस देने तक भी पुलिस दोनों को सिर्फ संदेही ही मान रही थी लेकिन अनुज की मोबाइल कॉल डिटेल में घटना से पूर्व सिर्फ गाजियाबाद के लोगों से संपर्क और बयान के लिए बुलाने पर न आने ने उस पर शक बढ़ गया।
वहीं बिना आरोप लगे ही क्रिमिनल लायर वीरेंद्र शर्मा को हायर करना भी अनुज के खिलाफ जाता है। याद रहे मामले में अनुज के पिता अमेठी डीआरपी लाइन में पदस्थ हेड कांस्टेबल यादवकरणसिंह भी शंका के घेरे में हैं।
सीता पति अनुज, बहन नीता व उसके पति के साथ ३० मार्च को महाकाल दर्शन के लिए आए थे। वे यहां पारिवारिक मित्र वैभव मिश्रा के तिरूपति धाम स्थित घर में रुके थे। ३ अप्रैल की मध्य रात्रि तीन तीन नकाबपोश बदमाशों ने घर में घुसकर दोनों बहनों पर जानलेवा हमला कर दिया था।
दोनों बहनों को दिल्ली ले जाया गया था, जहां नीता का हाथ काटना पड़ा था। मामले में एसपी सचिन अतुलकर ने हमलावरों पर १० हजार इनाम घोषित कर विशेष टीम बनाई थी। हमलावरों का पता लगाने के लिए चिमनगंज टीआई मनीष मिश्रा के साथ एक टीम अब भी गाजियाबाद में है।
ऐसे बढ़ता गया शक
- घटना के बाद अनुज के बयान के तरीके और उसके हाव-भाव।
- अनुज के व्यापार के लिए सीता से बड़ी रकम की अपेक्षा।
- 11 माह से नौकरी पर नहीं गया, हमले के बाद नौकरी ज्वाइन।
- ना से पूर्व अनुज ने गाजियाबाद के कुछ लोगों से संपर्क।
मामले में कई बिंदुओं पर जांच की लेकिन अनुज की भूमिका सबसे ज्यादा संदिग्ध मिली। बयान के दौरान हाव-भाव, अब तक मिले प्रमाण व बचाव की तैयारियों से शक पुख्ता हुआ। जल्द मामले में सफलता मिलने की उम्मीद है।