भक्तों को रोका…भक्ति नहीं रुकी:महाकाल दर्शन के रास्ते बंद, लोग परेशान हुए लेकिन बेकाबू नहीं

श्रावण के दूसरे सोमवार को दोपहर तक शिव भक्तों को असली श्रावण का मजा आया। रिमझिम बारिश में श्रद्धालुओं ने भीग कर भी लंबी कतार में लगकर दर्शन किए। दोपहर 1 बजे से दर्शन रोक दिए जाने के बाद शाम को 6 बजे से फिर दर्शनार्थियों की लंबी कतार शुरू हो गई। हालांकि इस दौरान बारिश थमी रही। दर्शन बंद रहने के दौरान बाहर से आए यात्री या तो शहर में घूमते रहे या फिर होटलों, धर्मशालाओं में कैद हो कर रह गए।

उन्हें दर्शन कतार वाले मार्ग पर जाने के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते बंद होने से कई जगह जाम की स्थिति भी बनी। हालाकि दूसरे सोमवार को दर्शन व्यवस्था में सुधार होने से तेजी से दर्शन हुए। रविवार देर रात और फिर तड़के से बारिश का दौर शुरू हो गया था। रिमझिम बारिश के चलते तड़के 5 बजे से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया। सुबह 7 बजे जब बारिश कुछ थमी तो कतार फिर लंबी होती गई।

करीब डेढ़ किमी दूर त्रिवेणी संग्रहालय मार्ग से श्रद्धालु कतारों में लग कर महाकाल के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ते रहे। दोबारा बारिश शुरू हो जाने के बाद भीड़ कुछ कम हो गई थी। दर्शन दोपहर 1 बजे तक ही खुले थे। इसलिए कतार रोक दी गई। शाम को सवारी के बाद 6 बजे से फिर दर्शन के लिए प्रवेश शुरू हो गया। इस दौरान बारिश थमी होने से फिर कतार त्रिवेणी संग्रहालय मार्ग तक लग गई। हालांकि श्रद्धालुओं को 40 से 50 मिनट में दर्शन हो गए।

अब मंगल से रविवार तक तड़के 5 से रात 9 बजे तक प्रवेश

महाकाल मंदिर में मंगलवार से रविवार तक रोज तड़के 5 से रात 9 बजे तक दर्शन होंगे। इस दौरान 250 रुपए दान से शीघ्र दर्शन सुविधा भी चालू रहेगी। मंदिर में प्रवेश चारधाम मंदिर मार्ग से ही मिलेगा। मंदिर समिति ने प्रवेश के लिए ऑनलाइन प्री-परिमशन की व्यवस्था की है। मंदिर समिति की वेबसाइट और मोबाइल एप पर प्री-बुकिंग कराई जा सकती है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को वैक्सीनेशनल सर्टिफिकेट या 48 घंटे पहले ही कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। श्रद्धालुओं को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी जरूरी है।

बैरिकेड्स पर पर्दे डालकर श्रद्धालुओं को दर्शन से रोका

महाकालेश्वर की सवारी के लिए दोपहर 1 बजे से मंदिर की ओर जाने वाले सभी रास्तों और सवारी मार्ग की ओर जाने वाले रास्तों पर रोक लगाई गई थी। लेकिन पुलिस ने इसके पहले से ही रास्ते रोक दिए। सवारी मार्ग से जुड़े रास्तों पर डबल बेरिकेडिंग भी की गई। कई जगह बेरिकेड्स पर पर्दे भी डाले गए। हरसिद्धि पाल की धर्मशालाओं पर श्रद्धालुओं की जगह सुरक्षाकर्मी तैनात थे। नृसिंहघाट मार्ग के मिट्टी के टीले पर भी लोगों को आने से रोका गया था।

हालाकि सवारी मार्ग के रहवासी मकानों पर लोग दर्शन के लिए खड़े दिखे। रामानुज कोट पर होने वाले पूजन की भी इजाजत नहीं दी गई। इस पर आश्रम के पदाधिकारियों ने कलेक्टर आशीष सिंह को इसकी शिकायत भी की। रामघाट व दत्त अखाड़ा घाट पर भी श्रद्धालुओं को पहुंचने से रोका गया।

प्रभारी मंत्री देवड़ा ने बैरिकेड्स से तो साधनासिंह ने नंदीगृह से किए दर्शन

दोपहर में प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा अकेले मंदिर आए। उन्होंने बैरिकेड्स से दर्शन किए। धर्मशाला में कुछ देर अधिकारियों के साथ बातचीत कर वे लौट गए। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पत्नी साधनासिंह अपनी महिला मित्रों के साथ आईं। उन्होंने नंदीगृह में बैठ कर पूजन किया। पं. प्रदीप पुजारी ने पूजन कराया। साधनासिंह व उनकी मित्रों ने गर्भगृह के द्वार पर जाकर दर्शन किए।

प्रशासन का महाकाल क्षेत्र में अघोषित लॉकडाउन

महाकाल क्षेत्र में अघोषित रूप से लॉकडाउन कर दिया। मंदिर पहुंचने के सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर बल तैनात किया। महाकाल-गोपाल मंदिर मार्ग, जयसिंहपुरा-चारधाम मंदिर मार्ग आदि क्षेत्रों में चक्काजाम की स्थिति रही।

दोपहर 1.22 बजे : महाकाल मंदिर मार्ग चौराहा- मैजिक, ऑटो व अन्य व्हीकल से व पैदल श्रद्धालु पहुंचे। पूछते हैं कि दर्शन करने है, आगे कहां से जाएं? यहां तैनात पुलिस उन्हें कहते हैं कि रास्ता बंद हैं आगे नहीं जा सकते है। 24 खंबा माता मंदिर की तरफ से जाए। वहां श्रद्धालुओं को फिर रोक दिया जाता है।

दोपहर 1.30 बजे : त्रिवेणी संग्रहालय से महाकाल पहुंच मार्ग- ब्रिज की चौथी भुजा उतरने के हिस्से पर बैरिकेडिंग की हुई हैं। हल्की बारिश हो रही हैं। एनाउंस हो रहा है कि जिस किसी को भी दर्शन करने हैं वे शाम 7 बजे बाद आएं। सवारी निकलता है तैयारियां हो रही हैं। इसलिए रास्ते बंद कर रखे हैं।

दाेपहर 1.36 बजे : चारधाम से महाकाल मंदिर पहुंच मार्ग- श्रद्धालुओं को चारधाम के पास बैरिकेडिंग कर रोका जा रह था। लालपुल-नृसिंह घाट की तरफ से मंदिर पहुंचने का प्रयास किया लेकिन वहां भी बैरिकेडिंग कर रोका गया। मार्ग पर विकास कार्य चलने से रास्ता बंद था, श्रद्धालु परेशान होते रहे।

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