महाकाल मंदिर: मुख्यमंत्री व धर्मस्व मंत्री तक पहुंचा महानिर्वाणी अखाड़े का मामला

Ujjain News: महाकाल मंदिर प्रांगण स्थित महानिर्वाणी अखाड़े में महंत को लेकर दूसरे दिन गुरुवार को भी जद्दोजहद चलती रही।

उज्जैन. महाकाल मंदिर प्रांगण स्थित महानिर्वाणी अखाड़े में महंत को लेकर दूसरे दिन गुरुवार को भी जद्दोजहद चलती रही। ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर से महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव कैलाश भारती भी उज्जैन आए। उन्होंने आश्रम में जूना अखाड़े के आनंदपुरी महाराज से करीब डेढ़ घंटे तक गोपनीय चर्चा की। इस मामले को लेकर जब सचिव भारती से मीडिया ने चर्चा करना चाही, तो पहले वे बचते रहे, फिर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि बहुत जल्द अखाड़े के पंच यहां आएंगे और महंत पद की सारी अटकलें दूर होंगी। गोपनीय चर्चा के विषय में वे कुछ नहीं बोले।

 

पूजन व आश्रम की जिम्मेदारी मंदिर समिति को सौंपी

उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर प्रांगण स्थित महानिर्वाणी अखाड़े के महंत प्रकाशपुरीजी महाराज अस्वस्थ होने के कारण हरियाणा स्थित उनके आश्रम अंबाला चले गए हैं। जाने से पहले उन्होंने ओंकारेश्वर मंदिर में पूजन व आश्रम की जिम्मेदारी मंदिर समिति को सौंपी है, जिसे प्रशासक एसएस रावत के निर्देशानुसार महाकाल मंदिर के 16 पुजारी बारी-बारी निर्वाह कर रहे हैं। वहीं भस्म आरती की जिम्मेदारी महंत के प्रतिनिधि गणेशपुरी को दी गई है। इधर, जूना अखाड़े के आनंदपुरी ने मुख्त्यार बनाए जाने संबंधी पत्र का हवाला देते हुए महानिर्वाणी अखाड़े में महंत पद व अन्य जिम्मेदारी के लिए स्वयं को अधिकृत होना दर्शाया जा रहा है।

 

प्रकाशपुरी ही रहेंगे महंत

मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक रावत का कहना है कि जब तक महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से कोई फाइनल नाम नहीं आता, तब तक प्रकाशपुरीजी ही महंत माने जाएंगे। उन्होंने अस्वस्थता बताते हुए अखाड़े को दिए स्थान का भी कब्जा समिति को सौंपा है, जब तक उनकी या अखाड़े की ओर से तय नाम नहीं आ जाता है, तब तक वे ही महंत रहेंगे।

 

मुख्यमंत्री व धर्मस्व मंत्री तक पहुंचा मामला

इधर महंत व अखाड़े में चल रही अन्य गतिविधियों का मामला मुख्यमंत्री व धर्मस्व मंत्री तक पहुंच गया है। प्रभारी मंत्री तक भी इसकी भनक लग चुकी है। अभा अखाड़ा परिषद के श्रीमहंत हरि गिरी महाराज के भी उज्जैन आने की संभावना बताई जा रही है। वे पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं।

 

हम शासन के फैसले के साथ हैं

जूना अखाड़े के आनंदपुरी गुरुवार को दिनभर महानिर्वाणी अखाड़े में उपस्थित रहे। मीडिया से चर्चा में कहा कि जो भी फैसला होगा, हम शासन के साथ हैं। शासन की गतिविधियों में सहयोग करना हमारा धर्म है। जिला प्रशासन यदि मुख्त्यारनामे को नहीं मानेगा, तो और भी रास्ते खुले हैं, हम वहां तक जाएंगे। सातों अखाड़े एक हैं, सभी से भाई-बंध का नाता है। यदि महाराज प्रकाशपुरीजी लौटकर आएंगे, तो उन्हें ससम्मान सारा आधिपत्य देंगे। रही बात ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा की, तो इसे लेकर अखाड़े की कार्रवाई चल रही है।

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