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रामघाट पर 3 युवक डूबे ,एक की मौत
उत्तर प्रदेश के 3 युवक डूबे ,दो को तैराकों ने बचाया, एक की मौत
भाई लगाता रहा गुहार- ये बच जाएगा…एम्बुलेंस बुला दो
सीएसपी भी नहीं बुला पाईं वाहन, ऑटो में ले जाना पड़ा शव
उज्जैन।सूरत की फैक्ट्री में मजदूरी करने वाले उत्तर प्रदेश के 10 युवक सुबह ट्रेन से उज्जैन पहुंचे। उन्हें महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करना थे, लेकिन पहले शिप्रा नदी में स्नान करने चले गये। यहां सिद्ध आश्रम के सामने स्थित घाट पर नहाते समय गहरे पानी में 3 युवक डूबने लगे। इनमें से दो युवकों को होमगार्ड व तैराकों ने बचा लिया लेकिन एक युवक की मौत हो गई।
खास बात यह कि अमावस्या पर्व पर हजारों लोगों द्वारा पर्व स्नान के लिये रामघाट पहुंचने की जानकारी के बावजूद पुलिस व प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किये गये। हालत यह थी कि जिस युवक के शव को नदी से निकाला उसका भाई सीएसपी पल्लवी शुक्ला से एम्बुलेंस बुलाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन 20 मिनिट तक एम्बुलेंस नहीं आई और अंत में लोगों ने शव को आटो में डालकर जिला चिकित्सालय भिजवाया।
हम तो उज्जैन दर्शन करने आये थे, शिप्रा के पानी की गहराई का पता नहीं था
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रहने वाले युवक सूरत की अलग-अलग फैक्ट्रीयों में मजदूरी का काम करते हैं इनमें से रवि गुप्ता पिता शिवशंकर 22 वर्ष निवासी गोंडा 9 साथी राजू गुप्ता, कैलाश गुप्ता, विकास गुप्ता, चंद्रप्रकाश, विष्णु यादव, ब्यास मिश्रा, मनीष, सीताराम चौहान के साथ सुबह 7 बजे रेलवे स्टेशन पहुंचा। यहां से सभी लोग सीधे नृसिंहघाट के पास स्थित सिद्ध आश्रम घाट पर आये और घाट पर कपड़े रखकर नदी में नहाने उतर गये। इन युवकों को नदी में पानी की गहराई की जानकारी नहीं थी।
इनमें से रवि गुप्ता, ब्यास मिश्रा और विष्णु यादव नहाते हुए गहरे पानी में चले गये और डूबने लगे। इन 7 साथी नदी से दौड़कर बाहर आये और बचाने के लिये शोर मचाया। पास में खड़े तैराक व होमगार्ड जवानों ने नदी में छलांग लगाई। ब्यास मिश्रा और विष्णु यादव को तैराकों ने गहरे पानी से जिंदा बाहर निकाल लिया लेकिन रवि गुप्ता की डूबने से मौत हो गई। गोताखोर लियाकत भाई को बुलाकर गहरे पानी से रवि गुप्ता का शव निकाला गया।
सीएसपी सेट पर एम्बुलेंस बुलाती रही
युवकों के नदी में डूबने की सूचना महाकाल थाना पुलिस को मिली। एसआई जीआर खाटकिया और आरक्षक तुरंत यहां पहुंचे। तैराकों की मदद से शव को नदी से बाहर निकालकर घाट पर रखा गया। मृतक रवि गुप्ता का भाई और तैराक पेट व छाती दबाकर पेट से पानी निकालने का प्रयास कर रहे थे। रवि के भाई हाथ जोड़कर सीएसपी पल्लवी शुक्ला और एसआई खाटकिया से तुरंत एम्बुलेंस बुलाने की गुहार लगाता रहा। सीएसपी शुक्ला ने वायरलेस सेट पर एम्बुलेंस का पाइंट दिया लेकिन 20 मिनिट तक एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। अंत में सीएसपी ने कहा मेरे वाहन में बॉडी ले चलो। लोगों ने रवि के शव को उठाया सीएसपी के वाहन में रखने का प्रयास किया। उसी दौरान एक व्यक्ति आटो लेकर आया तो सीएसपी ने कहा आटो में शव रखकर अस्पताल ले जाओ।
श्रावण मास में आने वाली हरियाली अमावस्या का परंपरागत पर्व स्नान सुबह से शिप्रा नदी के अलग-अलग घाटों पर शुरू हुआ। पुलिस व प्रशासन ने कोरोना गाइड लाइन का हवाला देकर प्रतिबंध की बात कहकर व्यवस्थाओं से पल्ला झाड़ लिया लेकिन हजारों लोग भगवान भरोसे नदी में उतरकर स्नान करते रहे। यहां होमगार्ड जवान और तैराक दल के सदस्य गहरे पानी में डूबने वाले लोगों को बचाते रहे। जवानों ने बताया कि सुबह 10 बजे तक आधा दर्जन लोगों को बचा चुके हैं।
यह हैं अनदेखी के पाइंट
नगर निगम द्वारा नदी में गहरे पानी के निशान तक बेरिकेडिंग या रस्सी नहीं बांधी गई।
घाट पर न तो एम्बुलेंस थी और न ही डॉक्टर व अन्य स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई।
पुलिस, प्रशासन और अन्य सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी नदारद रहे।
घटना हुई तो पुलिस ने घाटों के रास्ते बंद कर भीड़ को हटाना शुरू कर दिया।
एक सप्ताह में तीन लोगों की डूबने के बाद भी नगर निगम या पुलिस द्वारा सुरक्षा के उपाय नहीं किये गये।
नहाने पहुंचे गए लोग
घाट पर होमगाड्र्स व तैराक दल के लोगों ने दो युवकों को बचाया। व्यवस्था की थी लेकिन प्रतिबंध के बावजूद लोग नदी के घाटों पर नहाने पहुंचे।
–अमरेंद्र सिंह, एएसपी