वापसी पर सियासत: निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले कांग्रेस नेताओं की होगी पार्टी में वापसी

अधिकृत घोषणा नहीं, पार्टी के कुछ नेताओं में उभरा असंतोष

विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय रूप से चुनाव लडऩे वाले कांग्रेस नेता एवं नेत्री की वापसी लगभग तय है लेकिन अभी अधिकृत रूप से घोषणा नहीं की गई है। निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले नेताओं की पुन: वापसी का कांग्रेस के कुछ नेता विरोध कर रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है निर्दलीय चुनाव लडऩे वालों की वापसी का निर्णय पार्टी को लेना है।

विधानसभा चुनाव में उज्जैन उत्तर से माया राजेश त्रिवेदी, उज्जैन दक्षिण से जयसिंह दरबार एवं महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से दिनेश जैन बोस निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े जिससे इन तीनों विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी एवं उनके समर्थकों का मानना है कि निर्दलीय प्रत्याशियों के कारण पराजय हुई। ऐसे में अब निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले नेता एवं उनके समर्थकों को पार्टी में शामिल नहीं करना चाहिए।

पत्रकारवार्ता में विरोध

पूर्व में पत्रकारवार्ता भी रखी गई थी जिसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेता महावीर प्रसाद वशिष्ठ, पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ आदि ने साफ तौर पर कहा था कि निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले नेताओं को फिर से पार्टी में शामिल नहीं करना चाहिए।

छिंदवाड़ा पहुंचीं माया त्रिवेदी

छिंदवाड़ा में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी नकुलनाथ एवं विधानसभा उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी कमलनाथ के नामांकन दाखिल करने के दौरान शहर से कई नेता छिंदवाड़ा पहुंचे जिनमें पूर्व विधायक डॉ. बटुकशंकर जोशी, विधायक महेश परमार शामिल हैं। जिनके अलावा उज्जैन उत्तर से निर्दलीय चुनाव में उतरने वाली माया राजेश त्रिवेदी भी अपने समर्थकों के साथ छिंदवाड़ा पहुंचीं। इनमें प्रमुख रूप से पं. उमेश भट्ट, रमण शर्मा, नितिन जोशी, धर्मेश हाड़ा, पंकज सोलंकी आदि शामिल हैं।

वापसी लगभग तय

जिला कांग्रेस ग्रामीण के पूर्व अध्यक्ष जयसिंह दरबार का कहना है कि कांगे्रस के वरिष्ठ नेताओं में कहा है कि अब सभी पार्टी के लिए काम करो। इसलिए सभी की वापसी तय है। अब इसकी घोषणा प्रदेश कांग्रेस कब करेगी यह नहीं कहा जा सकता।

संगठन तय करेगा

विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले कांग्रेस नेताओं को पार्टी में पुन: शामिल किया जाए अथवा नहीं, यह दिल्ली एवं भोपाल के वरिष्ठ नेता तय करेंगे। जो भी निर्णय लिया जाएगा वह शहर कांग्रेस कमेटी को मान्य होगा।
– महेश सोनी, अध्यक्ष, शहर जिला कांग्रेस

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