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खेल विभाग के पास राशि नहीं, संस्थाएं खुद करें समापन
उज्जैन। जिला खेल विभाग पर आरोप लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। खेल विभाग भले ही प्रत्येक संस्था को उपकरण देने का दावा कर रही हो लेकिन शतरंज संघ ने चेस बोर्ड तक नहीं देने का आरोप लगाया है। वहीं अन्य संस्थाओं ने प्रतिवर्ष की तरह ग्रीष्मकालीन शिविर के सामूहिक समापन नहीं करने पर सवाल खड़े किए तो खेल विभाग की मुखिया ने बजट नहीं होने का हवाला देकर हाथ खड़े कर दिए। प्रतिवर्ष सभी खेलों के खिलाडिय़ों को प्रशिक्षित करने के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित किया जाता है। खेल एवं युवक कल्याण विभाग ने इस वर्ष भी शिविर के लिए १७ लाख रुपए का बजट मंजूर किया था। राशि संस्थाओं को जरूरत अनुसार खेल उपकरण देने व सम्मानजनक तरीके से आयोजन कर समापन के लिए दी जाती है। इस बार जिला खेल विभाग पर करीब एक दर्जन संस्थाओं ने डिमांड अनुसार उपकरण नहीं देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं बजट का हवाला देते हुए शिविर के सामूहिक समापन तक नहीं करने पर भी जिला खेल अधिकारी के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी है।
तीन साल से नहीं दिए चेस बोर्ड
उज्जयिनी शतरंज जिला संघ के सचिव महावीर जैन ने कहा जिला खेल विभाग से तीन साल से २० चेस बोर्ड और तीन घड़ी मांग रहे हैं। इस बार भी सिर्फ आश्वासन ही मिला। नतीजतन संस्था ने खुद इंतजाम कर एक माह का शिविर लगाकर १५ मई को समापन भी कर दिया। उनसे खिलाडिय़ों को नाम नहीं मांगे, ऐसे में विभाग उन्हें कैसे प्रमाण पत्र, टी शर्ट आदि देने का दावा कर रहा है।
४८ मांगी थी, १५ घटिया बॉल दी
उज्जैन जिला टेबल टेनिस एसोसिएशन के सतीश मेहता ने बताया कि शिविर के लिए उन्होंने चार दर्जन थ्री स्टार बॉल की डिमांड की थी। खेल विभाग ने मात्र १५ बाल दी वो भी इतनी घटिया थी कि १५ दिन भी नहीं चली। उन्होंने खुद बॉल का इंतजाम किया। समापन की जानकारी नहीं है। वहीं एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन के गोपाल व्यास ने भी सामग्री मिलने व समापन की सूचना से इंकार कर दिया।
गबन के कारण चर्चा में
याद रहे जिला खेल विभाग ने वर्ष २०१५-१६ में नेशनल स्पर्धाएं करवाई थीं। खिलाडिय़ों को रुकवाने से लेकर खान-पान के बिलों में धांधली करने के आरोप तात्कालीन डीएसओ पर लगे हैं। इस पर अक्षरविश्व द्वारा मामले का खुलासा करने पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने खेल संचालक एसएल थाऊसेन को कार्रवाई के लिए कहा है। वहीं ईओडब्ल्यू को जांच के लिए मामला भेजा है।
इन्होंने कहा
जिस संस्था नेे जो सामान मांगा उपलब्ध होने पर दिया है, जो विभाग के पास है नहीं, वह कहां से देते। बजट नहीं होने से सामूहिक समापन नहीं कर रहे लेकिन संस्थाओं को खिलाडिय़ों के लिए प्रमाण पत्र देंगे। भोपाल से टी-शर्ट, ट्रैकसूट व शू आने पर वितरित करेंगे।
– रूबिका दीवान, जिला खेल अधिकारी