रेलवे स्टेशन परिसर की खाली जमीन पर बनाएंगे कॉम्प्लेक्स, मंजूरी मिली

रेलवे स्टेशन परिसर में खाली पड़ी जगह पर पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मोड से कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा।

रेलवे अफसरों के अनुसार इसकी स्वीकृति मिल गई है।

इसकी डिजाइन को सहमति के लिए बोर्ड को भेजा है। वहां से सहमति मिलते ही इसमें तेजी आएगी।

सुरक्षा के लिए पटरियां और सिग्नल बदले जा रहे
यह स्थान इस तरह विकसित किया जाएगा कि सिंहस्थ में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशन के बाहर इंतजार न करना पड़े। जिन श्रद्धालुओं की ट्रेन दो-तीन घंटे बाद आने वाली है। उन्हें विश्राम के लिए बड़ी जगह मिल जाएगी। इसी तरह बाहर सेे आने वाले वे यात्री जिन्हें कहीं ओर जाना है लेकिन उनकी ट्रेन दो-तीन घंटे बाद है, उन्हें भी इस कॉम्प्लेक्स में जगह मिल जाएगी। यहां पर विश्राम के अलावा उन्हें जरूरी खाने-पीने का सामान भी मुहैया कराए जाएंगेे। रेलवे ने पिंक बुक जारी कर पश्चिम रेलवे में होने वाले कामोें की जानकारी दी है। डीआरएम विनीत गुप्ता के अनुसार उज्जैन-इंदौर दोहरीकरण के अलावा प्लेटफार्म पर सुरक्षा मानक, फ्लाई ओवर ब्रिज के काम भी किए जाएंगे।

रेल बजट में इस बार यात्रियों की सुरक्षा के क्रम में स्पीलर, पुरानी गर्डर बदलने के अलावा, नए सिग्नल लगाने पर ज्यादा जोर दिया है। वित्त मंत्री ने आम बजट में रेल से जुड़ी घोषणाएं की। इसके तहत इंदौर-उज्जैन दोहरीकरण पर 65 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा तराना रोड ताजपुर मध्यवर्ती ब्लॉक सिग्नल पर 44.22 करोड़ खर्च किए जाएंगे। नई खेड़ी उज्जैन समपार नं. 23 के ऊपर एक करोड़ में सड़क बनाई जाएगी। उज्जैन-भोपाल मक्सी यार्ड पर समपार 51 के स्थान पर ऊपरी सड़क पर एक करोड़ खर्च होंगे। इंदौर-उज्जैन रेलपथ नवीनीकरण के तहत स्लीपर बदलने के लिए 21.5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उज्जैन-भोपाल के बीच पुरानी हो चुकी गर्डर बदलने के लिए 15 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। उज्जैन और उज्जैन सी के आउटडोर और इनडोर सिग्नल बदलने के लिए 3 करोड़ का प्रावधान है।

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