जमीन का खेल:राजस्व विभाग की रिपोर्ट में जमीन निजी, यूडीए ने बना दिए बंगले, अब ये अतिक्रमण की श्रेणी में

  • विकास प्राधिकरण ने गोयला खुर्द में 13 बंगले बनाकर बेच भी दिए

 

यूडीए में जमीन के खेल का एक और मामला सामने आया है। इसमें राजस्व विभाग की रिपोर्ट में जमीन निजी पाई गई है। ऐसे में यहां यूडीए द्वारा किया निर्माण अतिक्रमण की श्रेणी में आ गया है। प्राधिकरण ने त्रिवेणी विहार आवासीय योजना में गोयला खुर्द में करीब 13 बंगलों का निर्माण कर बेच दिए। यहां सीनियर एमआईजी बंगलों का निर्माण हुआ है।

यूडीए का तर्क है कि अवार्ड पारित होने पर और जिला प्रशासन से कब्जा मिलने पर ही निर्माण कार्य किया है। आदेश के खिलाफ आपत्ति लगाई है। एसडीएम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। ग्राम गोयला खुर्द में स्थित सर्वे नंबर 122-1 रकबा 1.892, सर्वे नंबर 119-3-2 रकबा 0.232 व सर्वे नंबर 123-1 रकबा 0.573 कुल रकबा 2.697 हेक्टेयर के सीमांकन के प्रकरण में 19 फरवरी 2021 के पारित आदेश से स्पष्ट है कि दो बीघा जमीन पर विकास प्राधिकरण ने 13 बंगलों का निर्माण कर लिया है। प्राधिकरण संबंधित जमीन को लेकर एनओसी जारी कर चुका है। साथ ही कोर्ट में केस चल रहा है।

आरआई व तीन पटवारी के साथ पांच लोगों ने सीमांकन किया

एसडीएम के आदेश से असंतुष्ट होकर विकास प्राधिकरण ने अपनी आपत्ति जताते हुए अधीनस्थ न्यायालय में आदेश निरस्त करने के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया है। आवेदन पर एसडीएम कोर्ट ने फिर से विधिवत एवं नियमानुसार आरआई व तीन पटवारी के साथ में करीब 5 लोगों के विशेष दल से सीमांकन किया गया।

इसमें उन्होंने पाया है कि विकास प्राधिकरण का निजी जमीन पर कब्जा व निर्माण निजी जमीन किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोठी महल ने 18 फरवरी 2022 को अपना आदेश पारित किया है। इसमें मुख्य सड़क से लगी हुई 3162.75 वर्ग मीटर जमीन के वर्तमान मार्केट वेल्यू के मान से मुआवजा स्वरूप इसी क्षेत्र की तरह वेल्यू यानी समान मूल्य एवं इतने ही रकबे की आसपास की कोई यूडीए की जमीन आवंटित की जाए।

ऐसे सामने आया मामला
राजस्व विभाग का पहला आदेश वर्ष 2021 में जारी हुआ था। इसमें भी जमीन निजी होना पाई गई थी और बाद में वर्ष 2022 में जमीन का सीमांकन करवाने के बाद भी। इसमें एसडीएम कोर्ट ने फिर से विधिवत एवं नियमानुसार आरआई व तीन पटवारी के साथ में करीब 5 लोगों के विशेष दल से सीमांकन किया गया। इसमें उन्होंने पाया है कि विकास प्राधिकरण का निजी जमीन पर कब्जा व निर्माण निजी जमीन किया है।

आदेश के खिलाफ आपत्ति

अवार्ड पारित होने और हलका पटवारी द्वारा कब्जा दिए जाने के बाद ही यूडीए ने अपनी आवासीय योजना त्रिवेणी विहार में सीनियर एमआईजी बंगले और उसके आसपास की जमीन पर निर्माण किया है। जमीन के सीमांकन व आदेश को लेकर एडीएम कोर्ट में आपत्ति ली है। इसमें कोर्ट में केस चल रहा है।
संजय साध, भू-अर्जन अधिकारी, यूडीए

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