उज्जैन में किसानों का शक्ति प्रदर्शन: लैंड पूलिंग योजना के खिलाफ हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर उतरे सड़क पर, 15 सूत्रीय मांगों को लेकर रैली व सभा

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

लैंड पूलिंग योजना के खिलाफ किसानों का गुस्सा उबाल पर है। सोमवार को हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर उज्जैन शहर में दाखिल हुए और सामाजिक न्याय परिसर से विशाल रैली की शुरुआत की। किसानों का यह आंदोलन भारतीय किसान संघ (जिला उज्जैन, मालवा प्रांत) के आह्वान पर किया जा रहा है। आंदोलन को देखते हुए शहर में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम और यातायात डायवर्सन लागू किए गए हैं।

हजारों किसानों की रैली, भाजपा नेता ने भी जताया समर्थन

रैली में सिंहस्थ क्षेत्र से जुड़े 17 गांवों सहित जिले व आसपास के अन्य क्षेत्रों के किसान शामिल हुए। अब तक लगभग 2000 ट्रैक्टर-ट्रॉली और 5000 से अधिक किसानों के शहर में पहुंचने की पुष्टि हुई है, जबकि अनुमान है कि कुल 10 हजार किसान इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। आंदोलन को भाजपा नेता और पूर्व मंत्री पारस जैन ने भी समर्थन दिया, हालांकि बाद में वे लौट गए।

किसानों की प्रमुख मांगें

किसानों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि उनकी 15 सूत्रीय मांगों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया, तो गांवों से दूध और सब्जी की सप्लाई बंद कर दी जाएगी। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

  • उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र से लैंड पूलिंग योजना को पूरी तरह समाप्त किया जाए।

  • गरोठ रोड पर दोनों तरफ सर्विस रोड बनाए जाएं।

  • सोयाबीन फसल का उचित मूल्य दिया जाए और MSP 6000 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया जाए।

  • सिंचाई व्यवस्था बढ़ाने के लिए नर्मदा पाइपलाइन और अन्य जल स्रोतों से वंचित क्षेत्रों को जोड़ा जाए।

  • मुख्यमंत्री ट्रांसफार्मर अनुदान योजना फिर से शुरू की जाए।

  • आवारा पशुओं से फसल बर्बादी रोकने के लिए ठोस योजना बनाई जाए।

  • फसल बीमा में सैटेलाइट सर्वे के बजाय क्रॉस कटिंग पद्धति लागू हो।

  • लैंड पुलिंग कानून को मध्यप्रदेश में पूरी तरह समाप्त किया जाए।

  • अधिग्रहित जमीन का मुआवजा 2012 की गाइडलाइन से चार गुना बढ़ाकर दिया जाए।

किसान नेताओं का सरकार पर निशाना

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं संघ प्रचारक मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि सरकार ने अब तक किसानों से संवाद की कोशिश नहीं की है। उन्होंने कहा, “हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार को आगे आकर बात करनी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी अभी तक बात नहीं हो पाई है। हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक समाधान नहीं निकलता।”

रैली सामाजिक न्याय परिसर से शुरू होकर आगर रोड, चामुंडा माता चौराहा, तरणताल से होते हुए कोठी क्षेत्र स्थित कलेक्टर कार्यालय तक पहुंची। यहां सभा का आयोजन हुआ और किसानों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। सभा को मोहिनी मोहन मिश्र, किसान संघ प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, प्रांत मंत्री भरत सिंह बेस समेत कई नेताओं ने संबोधित किया।

किसानों की विशाल ट्रैक्टर-ट्रॉली रैली के चलते शहर में यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई। पुलिस ने प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग की और वैकल्पिक रूट जारी किए। मंडी चौराहा, चामुंडा माता चौराहा, हरिफाटक, इंदौर गेट और देवास गेट से गुजरने वाले मार्गों पर वाहनों को डायवर्ट किया गया। प्रशासन ने लोगों से अपील की कि वे आवश्यक होने पर ही प्रभावित क्षेत्रों में निकलें।

क्या है लैंड पूलिंग स्कीम?

लैंड पूलिंग योजना के तहत अधिग्रहित जमीन का 50% हिस्सा किसान के पास ही रहता है, जबकि शेष भूमि का उपयोग सड़क, पार्क, जनसुविधाएं, बिजली और पानी की लाइनें तथा सिंहस्थ क्षेत्र से जुड़े अन्य कार्यों के लिए किया जाता है। सरकार का दावा है कि इस योजना से विकास को गति मिलेगी, लेकिन किसान इसे अपनी जमीन पर अतिक्रमण और कम मुआवजे की नीति मानते हुए विरोध कर रहे हैं।

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