सभापति और पार्षद के बीच उलझा दानीगेट से सत्यनारायण मंदिर तक का जर्जर मार्ग

उज्जैन। छोटे पुल से लेकर सत्यनारायण मंदिर के आगे तक का मुख्य मार्ग निगम सभापति और पार्षद के बीच उलझकर रह गया है। इस मार्ग पर सिंहस्थ के बाद से निर्माण कार्य नहीं हो पाया है जिससे यहां के रहवासी परेशान हैं। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र जर्जर मार्ग का पुर्ननिर्माण नहीं कराया गया तो आंदोलन किया जायेगा।
सिंहस्थ के पूर्व शहर के आंतरिक मार्गों पर सीसी व डामरीकरण कार्य नगर निगम द्वारा कराया गया था। उसी दौरान छोटे पुल से लेकर सत्यनारायण मंदिर के आगे तक डामरीकरण कार्य हुआ था लेकिन उसके तुरंत बाद पूरा मार्ग उखड़ गया और वर्तमान में यहां मुरम सड़क पर फैली होने के साथ जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं।

इस मार्ग की खासियत यह है कि एक पट्टी वार्ड क्रमांक 12 में आती है और दूसरी पट्टी वार्ड क्रमांक 22 में आती है। वार्ड क्रमांक 22 से सोनू गेहलोत पार्षद हैं और झोन क्रमांक 2 के पदेन अध्यक्ष होने के साथ निगम सभापति भी हैं। दो पट्टियों में बंटी उक्त सड़क के पुर्ननिर्माण के लिये दोनों ही जनप्रतिनिधि असमंजस में हैं और इसी के चलते मार्ग की जर्जर हालत होने के बाद भी कोई सुधार कार्य नहीं करा रहा। यहां के रहवासियों का कहना है कि पूरे मार्ग पर बड़े बड़े गड्ढे होने व गिट्टी चूरी फैली होने के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती हैं और आवागमन मुश्किल हो गया है।

दानेश्वरी ग्रुप के अध्यक्ष मुकेश सारवान ने बताया कि दानीगेट से सत्यनारायण मंदिर तक जर्जर सड़क की शिकायत दोनों वार्डों के जनप्रतिनिधयों से कर चुके हैं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। दानेश्वरी ग्रुप में एस.एन. चौहान, योगेश पंड्या, बालकृष्ण पंचोली, संजू सेठी आदि पदाधिकारी हैं और आने वाले दिनों में यहां गणेशोत्सव व नवरात्रि उत्सव भी आयोजित होगा ऐसे में सड़क निर्माण आवश्यक है। यदि जनप्रतिनिधियों द्वारा समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन किया जायेगा, जबकि वार्ड क्रमांक 12 की पार्षद का कहना है कि दानीगेट से सत्यनारायण मंदिर तक सड़क निर्माण कार्य के लिये मांग पत्र भेजा है। उक्त कार्य निगम मद से कराये जाने की मांग की गई है।

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