50/84 श्री स्थावरेश्वर महादेव

50/84 श्री स्थावरेश्वर महादेव

50/84 श्री स्थावरेश्वर महादेव विश्वकर्मा की संज्ञा नामक पुत्री सूर्य की पत्नी थी। सूर्य का तेज न सह पाने के कारण उसने अपने समान एक अन्य स्त्री को उत्पन्न किया ओर उसे आज्ञा दी की तुम सुर्य की सेवा करना ओर उन्हे मेरा पता कभी मत बताना। सूर्य ने उस स्त्री को अपनी पत्नी संज्ञा माना ओर उससे एक पुत्र हुआ, जिसका नाम शनैश्चर हुआ। शनैश्चर के प्रभाव से सभी भयभीत हो गए। इंद्र ब्रम्हदेव…

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51/84 श्री शूलेश्वर महादेव

51/84 श्री शूलेश्वर महादेव

51/84 श्री शूलेश्वर महादेव काफी समय पहले दैत्यों और देवताओं में युद्ध हुआ। दैत्यों के स्वामी जंभ और इंद्र के बीच वर्षों तक युद्ध हुआ। जिसमें दैत्य विजयी हुए और अंधकासुर ने स्वर्ग पर शासन शुरू कर दिया। एक दिन अंधकासुर का एक दूत कैलाष पर्वत पहुँचा और भगवान शिव से कहा कि अंधकासुर ने कहा है कि तुम कैलाष छोड़ दो और पार्वती को उसके पास भेज दो। इस पर शिव ने दूत से…

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52/84 श्री ओंकारेश्वर महादेव

52/84 श्री ओंकारेश्वर महादेव

52/84 श्री ओंकारेश्वर महादेव प्राचीन समय में शिव ने एक दिव्य पुरूष को प्रकट किया। पुरूष ने शिव से पूछा कि वह क्या कार्य करें तो शिव ने कहा तुम अपनी आत्मा का विभाग करो। वह पुरूष शिव की बात को न समझने के कारण चिंता में पड़ गया और उसके शरीर से एक अन्य पुरूष उत्पन्न हुआ, जिसे शिव ने ओंकार का नाम दिया। शिव की आज्ञा से ओंकार ने वेद, देवता, सृष्टि ,…

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53/84 श्री विश्वेश्वर महादेव

53/84 श्री विश्वेश्वर महादेव

53/84 श्री विश्वेश्वर महादेव काफी समय पहले विदर्भ नगर में राजा विदुरथ थे। एक बार वे षिकार के लिए वन में गए। वहां उन्होनें मृग छाल पहनकर भगवान के ध्यान मग्न एक ब्राम्हण की हत्या कर दी। इस पाप के कारण वह 11 अलग – अलग योनियों में जन्म लेता रहा। 11 वीं योनि में वह चांडाल पैदा हुआ और धन चुराने के लिए एक ब्राम्हण के घर में घुसा और लोगों ने उसे पकड़…

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54/84 श्री कंटेश्वर महादेव

54/84 श्री कंटेश्वर महादेव

54/84 श्री कंटेश्वर महादेव प्राचीन समय में राजा सत्य विक्रम थे। शत्रुओं ने उनका राज्य छीन लिया, जिससे वह वन में भ्रमण करने लगे। एक दिन उसने वन में भ्रमण करते हुए वषिष्ठ मुनि का आश्रम देखा। मुनि के पूछने पर राजा ने अपनी पूरी कहानी उनसे कह दी। वषिष्ठ मुनि ने राजा सत्य विक्रम से कहा कि आप अवंतिका नगरी में महाकाल वन के समीप जाऐं और वहां आपको एक तपस्वी मिलेंगे। राजा वषिष्ठ…

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55/84 श्री सिंहेश्वर महादेव

55/84 श्री सिंहेश्वर महादेव

55/84 श्री सिंहेश्वर महादेव एक समय पार्वती ने भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए महान तप किया। उनके तप से तीनों लोक जलने लगे। इसे देखते हुए ब्रम्हा पार्वती के पास आए और उनसे कहा कि तुम किस कारण से तप कर रही हो, तुम जो भी चाहो वह मुझसे मांग लो। पार्वती ने कहा कि शिव मुझे काली कहते हैं मुझे गौर वर्ण चाहिए। इस पर ब्रम्हा ने कहा कि कुछ समय के…

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56/84 श्री रेवन्तेश्वर महादेव

56/84 श्री रेवन्तेश्वर महादेव

56/84 श्री रेवन्तेश्वर महादेव सूर्य के तेज को न सहन कर पाने के कारण उनकी पत्नी संज्ञा उन्हें छोड कर चली गईं और तप करने लगीं। यह बात सूर्य को पता चली तो वे कुरूक्षेत्र पहुँच गये। यहाँ संज्ञा को सूर्य ने घोड़ी के रूप में देखा। तब वह भगवान के सामने गईं और नासिका से अष्विनी कुमार नामक घोड़े के मुख वाले पुत्र को जन्म दिया। रेत से रेवन्त पुत्र खड्ग और तलवार लेकर…

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57/84 श्री घंटेश्वर महादेव

57/84 श्री घंटेश्वर महादेव

57/84 श्री घंटेश्वर महादेव भगवान शंकर ने पार्वती को कथा सुनाते हुए बताया कि गणों में सबसे प्रिय गण घंटा नाम का गण है। देवताओं के संगीत सभागृह में इच्छा से शामिल होने के लिए चतुर गंधर्वों में श्रेष्ठ चित्रसेन से मिले और सभा में शामिल होने का उपाय पूछा। उपाय बताने से पूर्व चित्रसेन ने गण की परीक्षा ली और संगीत सुनाने को कहा। गण से संगीत सुनने के बाद चित्रसेन प्रसन्न हुए और…

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58/84 श्री प्रयागेश्वर महादेव

58/84 श्री प्रयागेश्वर महादेव

58/84 श्री प्रयागेश्वर महादेव प्रथम कल्प में स्वंयभू मनु राजा नाम के राजा हुआ करते थे। उनके पुत्र प्रियवत नाम के राजा परम धार्मिक हुए। इन्होने यज्ञ करके उत्तम दान दक्षिणा देकर यज्ञों को समाप्त किया ओर अपने सात पुत्रों को सातों द्वीपों का राजा बनाया ओर बद्रीनारायण की विशाल नगरी में तप करने चले गए। वे वहां तपस्या में लीन हो गए। नगरी में विचरण करते हुए एक दिन नारद मुनि वहां पहुंचे ओर…

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59/84 श्री सिद्धेश्वर महादेव

59/84 श्री सिद्धेश्वर महादेव

59/84 श्री सिद्धेश्वर महादेव काफी समय पूर्व अश्वशिरा नाम का एक राजा था। वह बड़ा ही धार्मिक ओर प्रजा पालक था। राजा यज्ञ अनुष्ठान कर राजा ने सिद्धि को प्राप्त किया था। एक बार उसके राज्य में कपिल मुनि ओर जैगीषव्य ऋषि का आगमन हुआ। राजा ने उनका सम्मान किया ओर उनसे पूछा कि उसने सुना है कि भगवान विष्णु सर्वश्रेष्ठ है ओर उनके दर्शन ओर उनकी कृपा से मनुष्य मोक्ष को प्राप्त करता है।…

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