फ्रीगंज आरओबी छह साल में तीन प्रस्ताव

हर बार बजट, आपत्ति में अटका अब प्रशासकीय स्वीकृति का इंतजार

उज्जैन। फ्रीगंज के नए ओवरब्रिज का प्लान छह साल में तीन बार बना, हर बार अटका। अनेक बार बजट नहीं मिला, बजट स्वीकृत हो गया तो आपत्ति आ गई। मसला फिर टल गया। एक साल पहले बजट तय हो गया है, तो प्रशासकीय स्वीकृति का इंतजार है। अधोसंरचना विकास के लिए राशि और प्रशासकीय स्वीकृति से उम्मीद थी, लेकिन वह भी पूरी नहीं हुई हैं।

नौ मार्च को प्रस्तुत होने वाले बजट से पहले पूर्व के बजट में शामिल सड़क और पुलों के लिए प्रशासकीय स्वीकृति जारी करके निविदा आमंत्रित की करने के लिए वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले लोक निर्माण विभाग को यह छूट दी गई है कि वो दो हजार करोड़ रुपये तक के कामों की निविदा जारी कर सकता है। इसके लिए विभाग ने वित्तीय समिति की बैठक करके 983 किलोमीटर लंबाई की 222 सड़के बनाने और पन्ना, मंडला, सीहोर, रीवा, बालाघाट, छतरपुर और इंदौर में पुल का निर्माण निर्माण लिए प्रशासकीय स्वीकृति भी जारी कर दी है। बजट में शामिल करीब एक हजार करोड़ से अधिक के सड़क और पुलों के लिए प्रशासकीय स्वीकृति जारी करके निविदा आमंत्रित की जानी हैं। इसके लिए अनुपूरक बजट में अधोसंरचना विकास के लिए राशि दी गई है। बताया जाता है कि इसमें 15 किलोमीटर से कम लंबाई की वे सड़कें बनाई जाएंगी, जिनकी घोषणा मुख्यमंत्री कर चुके हैं या फिर जिन्हें बजट में मंजूरी दी गई है। इसी तरह 13 पुलों को निर्माण कार्य भी प्रारंभ कराया जाएगा। इसमें उज्जैन का फ्रीगंज आरओबी शामिल नहीं होने से यह फिर लंबित हो
गया हैं।

एक साल पहले बजट प्रावधान हो चुका है
फ्रीगंज के नए ओवरब्रिज का प्लान छह साल में तीन बार बना, हर बार अटका। प्लान भी संशोधित होता रहा। ब्रिज निर्माण के लिए सिंहस्थ-2016 में सिंहस्थ मद से 22 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे। स्वीकृत राशि भी लैप्स हो गई। ब्रिज के लिए निर्माण एजेंसी बदलती रही, पहले एमपीआरडीसी और फिर सेतु निगम को यह कार्य सौंपा गया, जिसमें पुराने ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज बनाने का प्लान तैयार कर स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया, जो बजट के अभाव में अटका गया। गत वर्ष फिर से प्रयास हुए तो करीब 85 करोड़ रुपये बजट में ब्रिज निर्माण के लिए रखे गए हैं। सर्वे के बाद ड्राइंग-डिजाइन भी तय हो गई है। वित्त वर्ष 2022-23 का पया बजट आने के पहले उम्मीद थी कि अनुपूरक बजट में राशि के साथ प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो जाएगी,लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसमें उज्जैन के हाथ केवल इंतजार आया। अब नए बजट से उम्मीद हैं।

इनका कहना
नए ब्रिज को लेकर प्रस्ताव और शासन द्वारा चाही गई जानकारी पूर्व भेज दी। पुल और सड़क को लेकर अनुपूरक बजट राशि, प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध कुछ पता नहीं हैं। शासन स्तर पर यदि कोई निर्णय होता है तो आगे कार्य किया जा सकता है।
– एसके अग्रवाल,
ईई, सेतु निगम

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