बसों से 10 कदम दूरी पर खड़े पुलिसकर्मियों को सुनाई नहीं देती इंदौर…इंदौर…इंदौर की आवाजें

देवासगेट से हो रहा इंदौर की बसों का संचालन, कार्यवाही नहीं, सड़क पर लगता है जाम

उज्जैन।यातायात पुलिस की हाजिर जवाबी किसी भी सामन्य व्यक्ति के लिये आश्चर्य का विषय उस समय बन जाती है जब पुलिस अफसर कहते हैं कि बस वाले चोरी छुपे बस स्टैण्ड तक आकर इंदौर की सवारियां भरते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि ये बस वाले न सिर्फ सवारी बैठाते हैं बल्कि डंके की चोंट जोर-जोर से आवाजें भी लगाते हैं इंदौर…इंदौर…इंदौर जो यहां मौजूद पुलिसकर्मियों को सुनाई नहीं देती।

शहर के व्यस्ततम देवासगेट चौराहे पर 12 महीने जाम की स्थिति बनी रहती है। इसके पीछे अनेक कारण हैं जिनमें मुख्य है प्रतिबंध के बावजूद बस स्टैण्ड से संचालित होने वाली इंदौर की बसें। बस संचालक यहां अपनी बसें लगाकर इंदौर…इंदौर…इंदौर की आवाजें लगाकर सवारियां बैठाते हैं फिर शुरू होता है जाम का सिलसिला।

कुछ समय बस स्टैण्ड पर खड़े होने के बाद बस आगे बढ़ती है। रेलवे स्टेशन गेट के पहले खड़ी होती है। यहां पर भी कंडक्टर की आवाजें जारी रहती हैं और करीब 10-15 मिनिट तक सवारियां बैठाई जाती है। फिर मालगोदाम, इंदौरगेट, हरिफाटक ब्रिज तक यही बसें सवारियों को बैठाते हुए नानाखेड़ा की ओर रवाना होती हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि हजारों लोगों को बस कंडक्टर की आवाजें सुनाई देती हैं, बसें दिखती हैं और इनकी वजह से लगने वाले जाम की वजह से लोग परेशान भी होते है और बसों से 10 कदम की दूरी पर खड़े यातायात व देवासगेट थाने के पुलिसकर्मियों को न तो बसें दिखती है और न ही आवाजें सुनाई देती है।

टीआई बोले…एक माह में 50 बसों के चालान बनाये
यातायात थाना प्रभारी पवन बागड़ी ने बताया कि पिछले एक माह में देवासगेट बस स्टैण्ड से इंदौर के लिये चलने वाली करीब 50 बसों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई है बावजूद इसके बस संचालक देवासगेट बस स्टैण्ड से बसें संचालित करने से बाज नहीं आते। चोरी छुपे रास्तों से बस स्टेण्ड तक पहुंचकर सवारियां बैठाते हैं। टीआई बागड़ी के अनुसार देवासगेट चौराहे पर यातायात पुलिस का पाइंट भी लगता है। इसके अलावा देवासगेट थाने के जवान भी यहां मौजूद रहते हैं।

चालान से नहीं मानते तो क्या अब आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा

देवासगेट बस स्टैंड से शाजापुर, आगर, महिदपुर बडऩगर आदि स्थानों के लिये बसों का संचालन होता है जबकि देवास व इंदौर जाने के लिये नानाखेड़ा बस स्टेण्ड निर्धारित किया गया है।

पुलिस द्वारा एक माह में 50 बसों के चालान बनाने के बाद भी बस संचालक नहीं मानते तो पुलिस क्या करेगी, क्या बस संचालकों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाएंगे इस प्रश्न के उत्तर में टीआई बागड़ी बताते हैं कि यातायात पुलिस के पास इसके अधिकार नहीं हैं हम सिर्फ चालान बना सकते हैं।

देवासगेट पुलिस ने 1 ऑटो, 2 मैजिक और 1 बस पर की चालानी कार्रवाई

देवासगेट चौराहे पर बसों की वजह से यातायात बाधित होने की शिकायतें कलेक्टर, एसपी से होने और बैठकों में लोगों द्वारा इस मुद्दे को उठाये जाने के बाद मंगलवार को देवासगेट पुलिस नींद से जागी, लेकिन पुलिस ने भी यातायात बाधित करने के पीछे 1 ऑटो, 2 मैजिक और 1 बस चालक को जिम्मेदार माना और चालान बनाये। इसमें खास बात यह कि जिस बस का चालान बना वह भी बड़ोदिया, माकड़ोन, घोंसला, उज्जैन के बीच चलती है।

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