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बात भस्मार्ती दर्शन प्रोटाकाल की…एडीएम कार्यालय देखेगा केवल वीआईपी प्रोटोकाल
उज्जैन। अभी तक भस्मार्ती दर्शन प्रोटोकाल के तहत प्रतिदिन 750 पंजीयन एडीएम कार्यालय के माध्यम से स्वीकृत होते थे। अब एडीएम कार्यालय केवल 250 पंजीयन ही करेगा। शेष सारे पंजीयन महाकाल मंदिर प्रशासन द्वारा किए जाएंगे। यह व्यवस्था आज से लागू हो गई है।
एडीएम संतोष टैगोर ने बताया कि वीआईपी प्रोटोकाल जिसमें ज्यूडिशियल, मंत्री, भोपाल-दिल्ली से शासन स्तर पर प्राप्त नाम होंगे,केवल उनके भस्मार्ती दर्शन पंजीयन की स्वीकृति एडीएम कार्यालय के माध्यम से होगी। शेष सभी प्रोटोकाल पंजीयन, जिसमें राजनीतिक दलों के द्वारा दिए जानेवाले नाम, अन्य शासकीय विभागों के अधिकारियों के आनेवाले नाम आदि का पंजीयन का काम अब महाकाल मंदिर प्रशासन के द्वारा देखा जाएगा। उन्होने बताया कि इस बात के निर्देश उन्होने मंदिर प्रशासन को दे दिए हैं। पूर्व में प्रतिदिन 750 पंजीयन की स्वीकृति उनके कार्यालय के माध्यम से होती थी। अब केवल 250 वीआईपी दर्शन पंजीयन ही उनके कार्यालय से प्रतिदिन होंगे। ऐसा करने से व्यवस्थाओं में सुधार आएगा वहीं पंजीयन भी समय पर होकर संबंधित को सूचित किया जाएगा।\
पंजीयन फार्म ले लेंगे बाद में सूचित कर देंगे
एडीएम ने बताया कि अभी तक मंदिर प्रशासन की यह व्यवस्था थी कि भस्मार्ती पंजीयन हेतु फार्म आने के साथ ही पंजीयन कर दिया जाता था। नई व्यवस्था के निर्देश दिए हैं कि फार्म सुबह से एकत्रित करना शुरू कर दो। अपरांह 3 बजे से आवेदनों का नियमानुसार निराकरण करके स्वीकृति दो, पंजीयन करो और एक व्यक्ति को बैठाओ ताकि वह संबंधित को फोन करके बता दे कि उनका पंजीयन हुआ है या निरस्त हो गया है। ताकि खिड़की पर दोपहर से होने वाली भीड़ समाप्त हो।
सर्किट हाउस पर देना होगी ड्यूटी… भले ही वीआईपी आए या न आए
एडीएम ने सोमवार से ही यह व्यवस्था लागू कर दी है कि प्रतिदिन सरकारी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वीआयपी प्रोटोकाल में सर्किट हाउस पर ड्यूटी लगती है। देखने में आया है कि अधिकारी,कर्मचारी पहुंचते ही नहीं है। उनका कहना रहता है कि वीआईपी मूवमेंट होने की जानकारी लगने पर पहुंच जाते हैं। अब सभी को अपनी ड्यूटी अनुसार पहुंचना होगा। चाहे वीआईपी आए या नहीं। वे तय समय तक वहीं रहेंगे। ऐसा होने से अचानक आनेवाले वीआयपी की व्यवस्थाएं प्रभावित नहीं होगी।