- महाकालेश्वर मंदिर में अब भक्तों को मिलेंगे HD दर्शन, SBI ने दान में दी 2 LED स्क्रीन
- उज्जैन में कला और संस्कृति को मिलेगा नया मंच, 1989.51 लाख रुपये में बनेगा प्रदेश का पहला 1000 सीट वाला ऑडिटोरियम!
- भस्म आरती: रजत के आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
- प्रयागराज महाकुंभ के लिए न्योता देने महाकाल नगरी पहुंचे नेपाली बाबा, मायापति हनुमान मंदिर में विश्राम कर भक्तों से की चर्चा
- Simhastha 2028: घने कोहरे में उज्जैन कलेक्टर ने घाटों का किया निरीक्षण; त्रिवेणी घाट से नाव में बैठकर 29 किमी तक देखी स्थिति, दिए निर्देश
Covid वैक्सीनेशन पड़ा कमजोर, टीका लगवाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे लोग…
- 12 से 14 वर्ष आयु के बच्चों में अब तक केवल 22 प्रतिशत का टीकाकरण
उज्जैन।जिले में कोविड टीकाकरण महाअभियान कमजोर पडऩे लगा है। हालत यह है कि कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा डोज लगवाने में लोगदिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इधर बालकों के टीकाकरण अभियान को भी गति नहीं मिल पा रही है। कोरोना की तीसरी लहर समाप्ति की ओर है।
रोजाना मिलने वाले नए मरीजों की संख्या में भारी कमी आई है। अब कभी कभार ही नए मरीज सामने आ रहे हैं। इस संबंध में चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण का खतरा बढऩे के बाद नागरिकों ने टीकाकरण पर जोर दिया था। खतरा दूर होते ही टीका लगवाने में उनकी रुचि घटती जा रही है। 12 से 14 वर्ष आयु के बालकों की संख्या भी केंद्रों में घटने लगी है।
टीकाकरण से कम हुआ खतरा…जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. के सी परमार ने बताया कि टीकाकरण के कारण जिले में कोरोना की तीसरी लहर कमजोर पड़ी। तीसरी लहर घातक नहीं हो पाई।
इस दौरान संक्रमित हुए अधिकांश मरीज एंटीबायोटिक दवाओं के बगैर कोरोना को हराने में सफल रहे। ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा। टीकाकरण के फायदे सामने आने के बाद 12 से 14 साल के बालकों व किशोरों को कोरोना का टीका लगवाने का अभियान शुरू किया गया। परंतु इस आयु वर्ग के तमाम हितग्राही टीका लगवाने के लिए केंद्रों में नहीं पहुंच रहे हैं।
लगातार घट रहे हितग्राही
12 से 14 वर्ष के बालकों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत 23 मार्च से की गई। लेकिन टीकाकरण की रिपोर्ट निराशाजनक रही। जिले में 78310 बालकों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से 17180 बालकों को टीका लगा है। जिला टीकाकरण अधिकारी का कहना है कि तीसरी लहर कमजोर पडऩे के कारण केंद्रों में हितग्राहियों की संख्या में कमी आई है।