महाकाल की सवारी आज से:कार्तिक व अगहन माह की पहली सवारी,

महाकाल की सवारी आज से:कार्तिक व अगहन माह की पहली सवारी,

महाकालेश्वर भगवान की कार्तिक एवं अगहन माह में निकलने वाली पहली सवारी आज कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को निकाली जाएगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में शाम 4 बजे विधिवत पूजन-अर्चन के बाद बाबा महाकाल पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर बड़ा गणेश मंदिर के सामने होते हुए हरसिद्धि मंदिर से नृसिंह घाट रोड स्थित सिद्ध आश्रम के सामने से शिप्रातट पर रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर मां…

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विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद बैठक:25वां दीक्षांत समारोह 22 दिसंबर को

विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद बैठक:25वां दीक्षांत समारोह 22 दिसंबर को

विक्रम विश्वविद्यालय का 25वां दीक्षांत समारोह 22 दिसंबर को मनाया जाएगा। विश्वविद्यालय ने राजभवन से इसके लिए अनुमति मांगी थी। इसके बाद कार्यपरिषद की बैठक में इसे मनाए जाने पर चर्चा की गई। विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई। कार्यपरिषद हाल में आयोजित बैठक में दीक्षांत समारोह को नवाचार के साथ मनाए जाने का निर्णय भी लिया। हालांकि आयोजन में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए…

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सुहागिनों का पर्व:शहर के साथ विदेश में भी मनाया करवा चौथ शहर के बेटे-बेटियों ने परंपरा रखी बरकरार

सुहागिनों का पर्व:शहर के साथ विदेश में भी मनाया करवा चौथ शहर के बेटे-बेटियों ने परंपरा रखी बरकरार

शहर के साथ विदेश में भी करवा चौथ का त्योहार मनाया गया, जिसमें शनिवार से ही इसकी तैयारी महिलाओं द्वारा की जाने लगी थी। किसी ने पीतल तो किसी ने तांबे और मिट्टी के करवे से चांद को अर्ध्य दिया। शहर में सुबह से ही मंदिरों में भी पूजन के लिए अच्छी खासी भीड़ रही। अधिकतर शिव मंदिरों में महिलाओं ने करवा चौथ का पूजन शुरू किया, जो पति के पूजन के बाद समाप्त हुआ।…

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उज्जैन के मौसम में अब गुलाबी सर्दी घुलती जा रही है। सुबह से लेकर रात तक के मौसम में बदलाव आ गया है। अब देरी से होने वाली सुबह के कारण दिनचर्या में भी बदलाव आ गया है। सुबह हल्की ठंड के बाद दिन में धूप भी अब चुभती नहीं है। तो दिन जल्दी ढल जाने की वजह से शाम के समय भी सर्दी लगने लगती है। पिछले कुछ दिनों से शहर के तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। सोमवार को भी शहर का तापमान 18 डिग्री रहा। जबकि रविवार को 17.4 डिग्री था। इसी तरह अधिकतम तापमान में भी घटकर 30 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री रेकॉर्ड किया गया। जबकि 10 दिन पहले तक दिन में तापमान 35 डिग्री से आगे निकल गया था। मौसम विभाग के मुताबिक अब सूर्योदय देरी से और सूर्यास्त जल्दी होने लगा है। सूर्यास्त का समय शाम 6 बजे के पहले होने लगा है। जबकि सूर्योदय का औसत समय 6.30 बजे के आसपास का है। इस वजह से दिन भी छोटे होने लगे हैं। इस बार अब तक 30 इंच बारिश – इस बार अक्टूबर में दो इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही शहर में अब तक 30 इंच बारिश हो चुकी है। हालांकि यह बारिश औसत 35.5 इंच से कम है। लेकिन मौसम विभाग का दावा है कि बारिश इस तरह से हुई है कि इस बार जलस्रोतों में पानी की कमी नहीं रहेगी। लबालब गंभीर बांध – गंभीर बांध आमतौर पर अक्टूबर माह में अपनी पूरी क्षमता 2250 एमसीएफटी से कम ही भरा रहता है। लेकिन इस बार अक्टूबर माह बीतने को है, लेकिन वह अभी भी लबालब भरा हुआ है। गंभीर बांध प्रभारी अशोक शुक्ला के मुताबिक बीच-बीच में हमें अभी भी बांध का एक गेट खोलना पड़ता है। क्योंकि आसपास के जलस्रोतों से लगातार पानी आ रहा है। दरअसल अक्टूबर माह में इंदौर व उज्जैन में जमकर हुई बारिश के कारण इंदौर के यशवंत सागर के गेट खोले जा रहे थे, इस वजह से उज्जैन के गंभीर बांध में बारिश कम होने के बावजूद भी पर्याप्त पानी आ गया है।

उज्जैन के मौसम में अब गुलाबी सर्दी घुलती जा रही है। सुबह से लेकर रात तक के मौसम में बदलाव आ गया है। अब देरी से होने वाली सुबह के कारण दिनचर्या में भी बदलाव आ गया है। सुबह हल्की ठंड के बाद दिन में धूप भी अब चुभती नहीं है। तो दिन जल्दी ढल जाने की वजह से शाम के समय भी सर्दी लगने लगती है।  पिछले कुछ दिनों से शहर के तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। सोमवार को भी शहर का तापमान 18 डिग्री रहा। जबकि रविवार को 17.4 डिग्री था। इसी तरह अधिकतम तापमान में भी घटकर 30 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री रेकॉर्ड किया गया। जबकि 10 दिन पहले तक दिन में तापमान 35 डिग्री से आगे निकल गया था।  मौसम विभाग के मुताबिक अब सूर्योदय देरी से और सूर्यास्त जल्दी होने लगा है। सूर्यास्त का समय शाम 6 बजे के पहले होने लगा है। जबकि सूर्योदय का औसत समय 6.30 बजे के आसपास का है। इस वजह से दिन भी छोटे होने लगे हैं।  इस बार अब तक 30 इंच बारिश – इस बार अक्टूबर में दो इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही शहर में अब तक 30 इंच बारिश हो चुकी है। हालांकि यह बारिश औसत 35.5 इंच से कम है। लेकिन मौसम विभाग का दावा है कि बारिश इस तरह से हुई है कि इस बार जलस्रोतों में पानी की कमी नहीं रहेगी।  लबालब गंभीर बांध – गंभीर बांध आमतौर पर अक्टूबर माह में अपनी पूरी क्षमता 2250 एमसीएफटी से कम ही भरा रहता है। लेकिन इस बार अक्टूबर माह बीतने को है, लेकिन वह अभी भी लबालब भरा हुआ है। गंभीर बांध प्रभारी अशोक शुक्ला के मुताबिक बीच-बीच में हमें अभी भी बांध का एक गेट खोलना पड़ता है। क्योंकि आसपास के जलस्रोतों से लगातार पानी आ रहा है। दरअसल अक्टूबर माह में इंदौर व उज्जैन में जमकर हुई बारिश के कारण इंदौर के यशवंत सागर के गेट खोले जा रहे थे, इस वजह से उज्जैन के गंभीर बांध में बारिश कम होने के बावजूद भी पर्याप्त पानी आ गया है।

उज्जैन की केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में करवा चौथ का सामूहिक पूजन रखा गया। इसमें ऐसे कैदी शामिल हुए, जिनकी पत्नियां भी बंदी के रूप में महिला वार्ड में बंद हैं। 31 कैदियों की 32 पत्नियों ने व्रत रख पति की लंबी आयु की कामना की। इनमें से एक कैदी की दो पत्नियां शामिल थीं। पूजा के बाद पतियों ने पानी पिलाकर व्रत खुलवाया। केंद्रीय जेल के डिप्टी जेलर सुरेश गोयल ने बताया कि करवा चौथ…

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शरद पूर्णिमा पर कई आयोजन:महाकाल मंदिर में दूध वितरण, कोटेश्वर महादेव मंदिर में साढ़े पांच बजे पूजा

शरद पूर्णिमा पर कई आयोजन:महाकाल मंदिर में दूध वितरण, कोटेश्वर महादेव मंदिर में साढ़े पांच बजे पूजा

आज शरद पूर्णिमा पर शहर में कई आयोजन होंगे। सबसे प्रमुख आयोजन महाकाल मंदिर में होगा। यहां शाम की आरती के बाद भगवान महाकाल को केसरिया दूध का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद यह दूध श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा। हालांकि बुधवार सुबह भस्म आरती के बाद भी भगवान महाकाल को 56 भोग और केसरिया दूध का भोग लगाया गया। ​​ इतना ही नहीं कई जगहों पर खीर की प्रसाद का वितरण भी किया जाएगा।…

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शरद पूर्णिमा पर खीर खाने का वैज्ञानिक-धार्मिक महत्व

शरद पूर्णिमा पर खीर खाने का वैज्ञानिक-धार्मिक महत्व

शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में रखे खीर को लेकर कुछ मान्यताएं हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के चांद से निकली रोशनी हमारे स्वास्थ्य को पूरे साल बेहतर रखती है। रात भर चांद की रोशनी में रखी खीर को अल सुबह खाने से सांस से जुड़ी परेशानियां खत्म होती हैं।  जानिए चांदनी वाली खीर खाने का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व के बारे में… वैज्ञानिक कारण… उज्जैन में धनवंतरी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट…

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बारिश में संघ का पथ संचलन:उज्जैन में गिरते पानी में निकला पथ संचलन

बारिश में संघ का पथ संचलन:उज्जैन में गिरते पानी में निकला पथ संचलन

दशहरे के अवसर पर निकाला जाने वाला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का पथ संचलन इस बार माधव नगर शाखा के लिए खास हो गया। रविवार शाम को निकाला गया ये संचलन शाम 5.30 बजे शुरू हुआ। जो क्षेत्र के चक्कर लगाकर वापस शाखा पर पहुंचा। घोष से साथ शुरू हुए स्वयं सेवकों के कदमताल जैसे ही आगे बढ़े, काली घटाएं छा गईं और थोड़ी ही देर में तेज बारिश शुरू हो गई। लेकिन स्वयं सेवकों…

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इमली वाले बाबा का उर्स मनाया

इमली वाले बाबा का उर्स मनाया

उज्जैन। मोहम्मद शाह गाजी मियां सालार इमली वाले बाबा का उर्स मनाया। कोरोना गाइडलाइन अनुसार कमेटी के लोगों ने ही कार्यक्रम को संपन्न किया। संयोजक जावेद शेख ने बताया कि यह 100 वर्षों से अधिक पुराना मजार है। मजार के पास एक बावड़ी भी है, जिसकी कई करामत ए चमत्कार है। कई वर्षों से बाबा की सेवा दरगाह के खादिम अमीन बाबा कर रहे है। बाबा का उर्स कमेटी के सीमित लोगों के साथ मनाया।…

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उज्जैन में शाखा का पथ संचलन

उज्जैन में शाखा का पथ संचलन

हर बार भव्य तरीके से निकलने वाला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का पथ संचलन इस बार सामान्य तरीके से निकाला गया। कोविड गाइडलाइन के चलते लगातार दूसरे साल शाखा के हिसाब से पथ संचलन निकाला गया। शहर में करीब सौ से अधिक शाखाओं में पथ संचलन निकाला गया। हर साल यह संचलन भव्य रूप में निकाला जाता है। महानगर के कार्यवाह लोकेश लड्ढानी ने बताया कि इस बार कोई बड़ा आयोजन नहीं रखा गया है।…

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उज्जैन में रावण की पूजा:25 गांव के लोग होंगे शामिल, पूजन के बाद रावण दहन भी होगा

उज्जैन में रावण की पूजा:25 गांव के लोग होंगे शामिल, पूजन के बाद रावण दहन भी होगा

उज्जैन से करीब 20 किमी दूर बड़नगर रोड पर चिकली गांव में आज रावण की पूजा की जाती है। यहां हर साल दशहरे पर रावण की पूजा करने की परंपरा है। गांव में रावण का मंदिर भी बनाया जा रहा है। इसके लिए ग्रामीणों ने 5 लाख रुपए इकट्ठा किए हैं। इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी मदद की है। गांव वालों का मानना है कि यहां पूजा की परंपरा आज से नहीं बल्कि…

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